21
Apr
2010
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यह गमकी शब गुज़र जायेगी,
सुबहकी किरण नज़्रर आयेगी.
खुशियोंका पीछा करते है सालोसे,
यह खुशी बचकर किधर जायेंगी?
जन्न्तकी चाह्मे बडे रंज उठाये,
जन्न्त मिलेंगी जब मर जायेंगी.
लो फिर जली दुनिया खुशियोंसे,
अब वोह कुछ न कुछ कर जायेंगी.
मुस्कुराना और शरमाना है प्यार,
मुस्कुराते पलके जुकाकर जायेंगी.
एक ही ‘सपना’ देखती है यह आंखे,
अब निंद बेचारी किधर जायेंगी?
सपना विजापुरा
15
Jan
2010
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निंद क्यु नही आती है रातभर,
तन्हाई तडपाती रही रातभर.
गुल हो गये है सब रोशन्दान पर,
एक शमा जलती रही रातभर.
तेरी बाहोकी गरमीसे न बच सकी,
एक शमा पिघलती रही रातभर,
बिस्तरकी सिलवटे देख लो तूम,
करवटे बदलती रही रातभर.
किसीके मौतका पयगाम है,
रोनेकी आवाझ आती रही रातभर.
चांद तो आ गया आसमान पर,
चांदनी चुभती रही रातभर.
दरवाझेपे दस्तक सुनी थी शाममे,
‘सपना’ इन्तेझार करती रही रातभर.
सपना
21
Dec
2009
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अभी तक सांसोकी रफतार क्यु है?
तूट गया सब,जिनेका एहसास क्यु है?
सब आये और एक एक करके चले गये,
तेरा आना सबसे मुख्तलीफ क्यु है?
बन बन के बात बिग़ड ही जाती है मेरी,
या रब इसमे मेरा ही कसूर क्यु है?
मरती हुं मै शबो रोज तेरी यादमे जाना,
येह जानके भी तु इतना बेखबर क्यु है?
हझारो सपने तूटते देखे है मैने फिरभी,
एक और सपना देखनेकी जुर्रत क्यु है?
सपना
मुख्तलिफ= अलग
जुर्रत=हिमत
रफतार = आना जाना
2
Nov
2009
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दिलको अब तन्हाईकी आदत सी है,
शमाको बुज़ादो,अंधेरोकी आदत सी है.
तेरे आनेकी कोई उम्मीद नही, फिरभी,
दिलको तेरे ईन्तेज़ारकी आदत सी है.
तेरी यादको दिलमें छूपाके बैठे है हम,
हर खज़ानेको छूपानेकी आदत सी है.
मुस्कुराके यु केहके चले जाना उनका,
ईसे तो बस तडपनेकी आदत सी है.
तेरी यादोको नही छोड सकते है हम,
यु तो हमे तेरे बगैर जीनेकी आदत सी है.
सपना तुमहे मीलेंगी शहेरकी गलीयोंमे,
गली गली तुमहे ढुंढनेकी आदत सी है.
सपना
29
Sep
2009
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जानेकी ज़िद तुम ना करना, कसम है
दिल है मेरा नाज़ुक ना तोडना, कसम है.
आंचल येह मेरा उडाती है नटखट हवाएं,
आज़ नझरोसे नझरको मिलाना, कसम है.
ज़शन मना रहा है हमारे वस्लका जानम,
चांदकी खुशियोंमे शामिल होना, कसम है.
सरगोंशियां करे भंवरे फूलोंके कानोमे,
सबक कुछ उनसे भी सीखना, कसम है.
मर ही जाऊंगी तुम्हारे बीन ,ए दिलबर्,
ईतना भी तुम ना तडपाना,कसम है,
मिन्नते करु मै बारहा तुमसे, हाथ जोडु,
आज़ सपनाको न छोड्के जाना, कसम है.
सपना
27
Aug
2009
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मेरा जीना इतना भारी क्यु है?
तेरा हर ज़ख्म इतना कारी क्यु है?
वहेमको यकिनमे बदलते देखा,
पूछते तुम हो,अश्क ज़ारी क्यु है?
फूलोकी तरह संभालके रखी थी मेंने,
याद आते ही चलती आरी क्यु है?
नहीं बक्षे गये लैला और मजनु तक,
दिवानोके पिछे दुनिया सारी क्यु है?
जब गम बट रहा था तेरी बारगाहमे,
कहीये सबसे पेहले मेरी बारी क्यु है?
तुज़े भुलानेका वादा किया था दिलसे,
तो फिर शामसे यह बेकरारी क्युं है?
तुम न आये हो, न आओगे कभी भी,
इन्तेज़ारमे यह जिंदगी गुज़ारी क्यु है?
कदम रखे थे फूंक फूंक कर उसने,
फिर सपना हर एक बाज़ी हारी क्यु है?
सपना
24
Jul
2009
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कोनसा मज़हब है ईन भंवरोका?
जो फुलो पर मंडराते रहते है,
कोनसा मज़हब है ईन पंछीओका
जो अपने साथी के साथ ऊड्ते है,
कोनसा मज़हब ईन दरियाओका?
जो चांदके खीलतेही ऊछल पडते है.
कोनसा मज़हब है ईन इन्सानोका?
जो जुदाईमें दिनरात तडपते है?
खुदाने तो इन्सान बनाया था सबको, ,
हमने इन्सानको शेतान बनाये है.
सपना
24
Jul
2009
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पूरी दुनिया मिलके जिसे लूट नहीं सकती,
तेरी यादोका ऐसा खज़ाना है मेरे पास.
तुं लाख मना करले मुज़से दिवाने,
तेरा दिल दिवाना है मेरे पास.
वोह अकेलेमें हंसना.
वोह अकेलेमे रोना,
बात सही है तुम्हारी,
दिवानापन है हमारा.
तुमसे मिलके दुनिया सुहानी लगती है,
येह शायद मेरी नज़रोका धोखा है,
जानती हुं तुम कही नही हो,फिरभी,
लोग केहते है सपना दिवानी लगती है.
सपना
22
Jul
2009
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चंद अशार
तुझसे मिलना एक सपना है,
जो कभी पूरा नही होना है,
बहोत सपने तूटते देखे है,
एक ओर सपना तूटना है.
तुमसे मिलना मुमकीन नहीं,
तुमसे दूर रेहना मुमकीन नहीं,
अब कोई करे तो भी क्यां करे,
बस मान लो जीना मुमकीन नहीं.
सूने है जिंदगीके साज़ सभी,
चारो ओर सन्नाटा सा है,
मेरी आवाज़ मुझ तक न्ही आती,
तन्हाईका यह आलम है.
अल्लाह्से तुमको मांगेंगे हम,
ज़न्नतके बद्ले तुमको चाहेंगे,
जिंदगी तो खतम हुई अपनी,
मौतके बाद जुदा न होंगे हम.
तेरी आरज़ु नहीं तेरी जुस्तजु नही,
दिल एक खाली जाम है अब,
जिसमे उम्मीदकी एक बुन्द नहीं,
मै वोह गुलाब हुं जिसमे खुश्बु नहीं.
मातम बरपा हुआ मेरे मरनेके बाद,
जब जिन्दा थी किसीने पूछा तक नही.
दिलका बहोत शोर सुन्ते थे सिनेमे,
तेरा नाम सुनके उफ तक कीया नही.
सपना
23
Jun
2009
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तेरी आंखोसे महोबतके रंग बरसते देखा,
मेरे दिलको तेरी नझरोसे पिघलते देखा,
कभी तो अपने सीनेसे लगाकर देख,
मेंने तो तेरी बाहोमे मुझे मरते देखा.
हर बार एक ही सवालका अलग जवाब,
मेंने तेरा बार बार जवाब बदलते देखा.
अभी रूठे और अभी मान गये हो तुम,
मौसमक़ी तरह मैने तुमको बदलते देखा.
तेरे नामसे सोना,तेरे नामसे जगना,
सपनाको हमने तेरा नाम जपते देखा.
सपना