23 Jun 2009

बरसते देखा

Posted by sapana

तेरी आंखोसे महोबतके रंग बरसते देखा,
मेरे दिलको तेरी नझरोसे पिघलते देखा,

कभी तो अपने सीनेसे लगाकर देख,
मेंने तो तेरी बाहोमे मुझे मरते देखा.

हर बार एक ही सवालका अलग जवाब,
मेंने तेरा बार बार जवाब बदलते देखा.

अभी रूठे और अभी मान गये हो तुम,
मौसमक़ी तरह मैने तुमको बदलते देखा.

तेरे नामसे सोना,तेरे नामसे जगना,
सपनाको हमने तेरा नाम जपते देखा.

सपना

Subscribe to Comments

6 Responses to “बरसते देखा”

  1. कभी तो अपने सीनेसे लगाकर देख,

    मेंने तो तेरी बाहोमे मुझे मरते देखा.
    क्या बात कही आपने. बहोत बढिया शेर.

     

    Heena Parekh

  2. लाजवाब !

    एक रचना हिन्दी में मेरी भी है,
    जरा गौर फरमाइगा………..

    रात दिन बस एक हि खयाल रहेता है
    आंखोमे चहेरा, होठो पे तेरा नाम रहेता है

    होश गवां बैठा हुं तुजे देखा है जबसे
    बेहाल हुं और अब यही हाल रहेता है

    मेरा घर महोल्लेमें हुआ है मशहुर्
    लोग कहेते है यहां कोइ पागल रहेता है

    तुजसे मुलाकात हो तो जलती है दुनिया सारी
    खुदा भी उन लोगो में अब शामिल रहेता है

    — कुमार मयुर —

    ये रचना कैसी लगी जरुर बताइगा
    http://www.aagaman.wordpress.com

    Mayur Prajapati

     

    Mayur

  3. तेरे नामसे सोना,तेरे नामसे जगना,
    सपनाको हमने तेरा नाम जपते देखा.

    अच्छा शेर.
    वह नाम है बडा ही नसीबवाला
    सपना जपे जिसके नामकी माला.

     

    manhar mody 'मन' पालनपुरी

  4. तेरे नामसे सोना,तेरे नामसे जगना,
    सपनाको हमने तेरा नाम जपते देखा.

    बहुत हि अच्छा शेर है.

    वह नाम कितना होगा नसीबवाला
    ‘सपना’ जपे जिसके नामकी माला.

     
  5. मेरे दिलको तेरी नझरोसे पिघलते देखा,
    मेंने तो तेरी बाहोमे मुझे मरते देखा.

    क्या बात कही सपनाजी !!!
    काफी गह्र्री ऑर ऊची जीसका अंदज नही.

     

    पटेल पोपटभाई

  6. मेंने तेरा बार बार जवाब बदलते देखा.
    मौसमक़ी तरह मैने तुमको बदलते देखा.

    सुंदर

     

Leave a Reply

Message: