24 Jul 2009

दिवानापन

Posted by sapana

पूरी दुनिया मिलके जिसे लूट नहीं सकती,
तेरी यादोका ऐसा खज़ाना है मेरे पास.
तुं लाख मना करले मुज़से दिवाने,
तेरा दिल दिवाना है मेरे पास.

वोह अकेलेमें हंसना.
वोह अकेलेमे रोना,
बात सही है तुम्हारी,
दिवानापन है हमारा.

तुमसे मिलके दुनिया सुहानी लगती है,
येह शायद मेरी नज़रोका धोखा है,
जानती हुं तुम कही नही हो,फिरभी,
लोग केहते है सपना दिवानी लगती है.

सपना

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4 Responses to “दिवानापन”

  1. सपना जी बहुत ही खुब्सुरती से आपने जझबातोन को दाला है और हा आपका ब्लोग मुज्ञे अच्छा और कुशादा लगा…मेरे ब्लोग पर सब से पेहली कोमेन्ट करने के लीये आपका शुक्रगुझार हु

     

    Muntazir™

  2. Nice….

     

    "માનવ"

  3. लोग खुच्छ भी कहे अपने आप को कैसी लगती हो ???

    मस्त रहो अपने मे चाहे कछ भी हो !!!!!!!

     
  4. फिरसे फोटो देखा तो पागल सी लग्ती हो यार !!!
    मेरी बीबी चकरा गयी यार !!!

     

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