2 Nov 2009

आदत सी है

Posted by sapana



दिलको अब तन्हाईकी आदत सी है,
शमाको बुज़ादो,अंधेरोकी आदत सी है.

तेरे आनेकी कोई उम्मीद नही, फिरभी,
दिलको तेरे ईन्तेज़ारकी आदत सी है.

तेरी यादको दिलमें छूपाके बैठे है हम,
हर खज़ानेको छूपानेकी आदत सी है.

मुस्कुराके यु केहके चले जाना उनका,
ईसे तो बस तडपनेकी आदत सी है.

तेरी यादोको नही छोड सकते है हम,
यु तो हमे तेरे बगैर जीनेकी आदत सी है.

सपना तुमहे मीलेंगी शहेरकी गलीयोंमे,
गली गली तुमहे ढुंढनेकी आदत सी है.

सपना

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10 Responses to “आदत सी है”

  1. वाह वाह क्या बात कही. पढ के दिल खुश हो गया. बहोत बढिया.

     

    Heena Parekh

  2. बहुत खुब, बहुती ही अच्छी गजल!

    तेरे आनेकी कोई उम्मीद नही, फिरभी,
    दिलको तेरे ईन्तेज़ारकी आदत सी है.

    तेरी यादोको नही छोड सकते है हम,
    यु तो हमे तेरे बगैर जीनेकी आदत सी है.

    सपना तुमहे मीलेंगी शहेरकी गलीयोंमे,
    गली गली तुमहे ढुंढनेकी आदत सी है.

    Very Good, Very Very Nice Gazala.
    एक भावनामय रचना…

     
  3. तेरे आनेकी कोई उम्मीद नही, फिरभी,
    दिलको तेरे ईन्तेज़ारकी आदत सी है

    bahot badhiya

    http://neeta-myown.blogspot.com/

    jarur padhiyega

     

    neetakotecha

  4. सपना बहोत ही अछ्छी, कोइ उम्मीद बर नही आती..गालिब याद करा दिया तुमने … गहरी एक से एक बढीया शेर..बहोत आगे बढते रहो..खुशीया मिल जायेगी यही दुआ…आदते शर्मा जायेगी

     

    dildip

  5. एक नजूमी ने किसी का हाथ देख कर कहा के तुमहारे प्रेशानियां एक साल में खतम होजाएंगी उस ने कहा वाक़ई। नजूमी ने कहा के नहीं तुम इस के आदी होजाओगे।
    मेह्बूब के फ़िराक़ में शुरू मे परेशानी हो जाती हॆ, फिर उन यादों में मज़ा आने लगताहॆ। फित सपना केह्ती हॆ
    तेरी यादोको नही छोड सकते है हम,
    यु तो हमे तेरे बगैर जीनेकी आदत सी है.
    सपना को गली गली मारे मारे फिरने में जो मज़ा आता हॆ वोह हर आदमी मॆह्सूस नहीं कर सकता.
    आलामे रोज़गार को आसां बना दिया
    जो ग़म मिला उसे गमे जाना बना दिया
    सपना ने इस इनतज़ार की कॆफ़ियत को बोहोत खूबसूरती से शाईरी में ढाला हॆ.
    मुझे ये शेर बोहोत अच्छा लगा
    तेरे आनेकी कोई उम्मीद नही, फिरभी,
    दिलको तेरे ईन्तेज़ारकी आदत सी है.

     

    Kalimullah

  6. Bahot khoob. tere ane ki koi ummeed naheen firbhi dil ko tere intazaar ki adat si hai Hur ashar bahot khoob hain magar is ashr ka jawab naheen.

     

    Shenny Mawji

  7. वाह! क्या खूब! गझल पसंद आई!

     

    dr.firdosh dekhaiya

  8. तेरे आनेकी कोई उम्मीद नही, फिरभी,
    दिलको तेरे ईन्तेज़ारकी आदत सी है.

    बहुत पसंद आया ।

     

    Daxesh

  9. जिन्दगी जुदाइके लम्हो मे गुजर जायेगी युंहि
    लगता है उन्हे तो फासलों कि आदत सी है

    ઘણા સમય બાદ આજે નેટ પર આવવાનો સમય મળ્યો છે.

    અને એમાંય આપની આ સુંદર રચના એ મન મોહી લીધુ.

    ખુબ જ સરસ

    Mayur Prajapati

    http://www.aagaman.wordpress.com

     

    Mayur Prajapati

  10. ईतना भी ना उम्मीद ना हो, की सपना ही !!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!

     

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