15 Jan 2010
रातभर
निंद क्यु नही आती है रातभर,
तन्हाई तडपाती रही रातभर.
गुल हो गये है सब रोशन्दान पर,
एक शमा जलती रही रातभर.
तेरी बाहोकी गरमीसे न बच सकी,
एक शमा पिघलती रही रातभर,
बिस्तरकी सिलवटे देख लो तूम,
करवटे बदलती रही रातभर.
किसीके मौतका पयगाम है,
रोनेकी आवाझ आती रही रातभर.
चांद तो आ गया आसमान पर,
चांदनी चुभती रही रातभर.
दरवाझेपे दस्तक सुनी थी शाममे,
‘सपना’ इन्तेझार करती रही रातभर.
सपना
वाह बहुती ही खुब सुरत गझल….यु ही लिख्ते रहे रातभर…
-પ્રવિણ કે.શ્રીમાળી
January 15th, 2010 at 6:33 ampermalink
निंद क्यु नही आती है रातभर,
तन्हाई तडपाती रही रातभर.
चांद तो आ गया आसमान पर,
चांदनी चुभती रही रातभर.
बहोत खुब पारम्परिक अभिव्यक्ति. अच्छी लगी पन्क्तियां. बहर की सही सम झ् से और भी और भी अच्ची हो सकती थी….लिखते रहीएगा.
दूर ठेलाती सवारो नीद क्यु आती नहि
जम्पवा ना दे विचारो नीन्द क्यु आती नहि
Dilip
January 15th, 2010 at 10:49 ampermalink
यहां बात जुदऐ की है या मिलन की ?
‘तेरी बांहो की गरमी से..’ शेर निकाल दो तो बाकी पूरी गझल एक सुरमें बनेगी
लता हिराणी
Lata Hirani
January 15th, 2010 at 6:17 pmpermalink
Excellent. Keep it up.
Heena Parekh
January 16th, 2010 at 4:56 ampermalink
किया आशिक़ों के जज़बात की तरजुमानी की हे सपना
बिस्तरकी सिलवटे देख लो तूम,
करवटे बदलती रही रातभर.
मीर ने कगा था
मीर के सिरहाने आहिसता बोलो
अभी टुक रोते रोते सो गया हॆ
Kalimullah
January 16th, 2010 at 11:37 ampermalink
बहुत खुब सपनाजी
जरा गौर फरमाइएगा
तेरे वादेकी उलफतमे जुलसते रहे रातभर
इन्तझार में उनके हम तडपते रहे रतभर
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Mayur Prajapati
Mayur Prajapati
January 25th, 2010 at 1:12 pmpermalink
good one
Neela Kadakia
January 29th, 2010 at 9:15 ampermalink
सुन्दर रचना..
nilam doshi
March 11th, 2010 at 1:54 pmpermalink
किसीके मौतका पयगाम है,
रोनेकी आवाझ आती रही रातभर.
बहुत खुब…
vishwadeep
March 27th, 2010 at 4:06 ampermalink
दरवाझेपे दस्तक सुनी थी शाममे,
‘सपना’ इन्तेझार करती रही रातभर.
Gamyu….
"માનવ"
April 1st, 2010 at 9:43 ampermalink
“एक शमा जलती रही रातभर
एक शमा पिघलती रही रातभर
तन्हाई तडपाती रही रातभर
इन्तेझार करती रही रातभर”
बहुत खुब मासाल्ला
પટેલ પોપટભાઈ
May 27th, 2010 at 5:53 ampermalink
Beautiful poem. I really enjoyed your blog. I have bookmarked it. Thank you for visiting my blog 🙂
Kay Kay
August 27th, 2010 at 10:40 ampermalink