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1 Aug 2013

मौसम है

Posted by sapana. 3 Comments

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आज तेरी यादका मौसम है
सुनो बरसातका मौसम है

भीगे पत्तो पर पानीकी बुन्दे
फूलोसे बातका मौसम है

चांदनीकी किरणे है या नूर
नूरानी रातका मौसम है

रेशमी पलकोपे सपने तेरे
सुनेहरे ख्वाबका मौसम है

हारना ही था तेरे इश्कमे
मेरी तो  मातका मौसम है

कानोमे कुछ केह दिया है उसने
मीठे जजबातका मौसम है

इन्तेज़ार और नही और नही
हाथोमे हाथका मौसम है

मैं उन आंखोका सपना हुं
जीसमे प्यारका मौसम है

सपना विजापुरा

aaj teri yadka mausam hai
suno,barsataka mausam hai

bhige pattope paaniki bunde
phoolose batka mausam hai

chandiniki kirane hai noor
nurani ratka mausam hai

reshami palkope sapane tere
sunehare khwabka mausam hai

harna hi tere hatho ishqme
meri to matka mausam hai

kaanome kuch keh diya hai usne
mithe zazbatka mausam hai

intezar aur nahi aur nahi
haathome haathka mausam hai

mai un aankhoka Sapana hun
jisame pyaarka mausam hai

Sapana Sapana

9 Jul 2013

खुदा

Posted by sapana. 9 Comments

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तुं फुल फूल पात पात है
तुं शाख शाख डाल डाल है
ए खुदा तुं ही आसपास है

झरनोकी झर झरमे तुं है
बादे सबाकी सर सरमे तुं है
ए खुदा तुं ही आसपास है

बारिशकी ठंडी फूवारमे तुं है
ओसके मयारमे तुं ही तुं है
ए खुदा तुं ही आसपास है

पर्वतकी हर् बुलंदीमे तुं है
खुदमे है और खुदीमे तुं है
ए खुदा तुं ही आसपास है

बहारोमे तुं खिजा*में तुं है
हर गुलशनमे फिजा*मे तुं है
ए खुदा तुं ही आसपास है

लो मेरा दिल खाली किया
मेरे नफसको मैने मार दिया
ए खुदा तुं ही आसपास है

तेरा महिना रमजान आया
ए खुदा तुं ही तुं हर सुं छाया
ए खुदा तुं ही आसपास है

सपनाको ना किसीसे बैर है
सपनाके लिये ना कोई गैर है
ए खुदा तुं ही आसपास है
सपना विजापुरा

2 Jul 2013

दिल तो बच्चा है

Posted by sapana. 12 Comments

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दिलको बाहेर जानेसे रोक लेते है एक बच्चेकी तराह
चोंट लगेगी ऐसा उसे समजाते है एक बच्चेकी तराह

इश्ककी पाठशालासे घभरा जाता है दिल जब मेरा
दिलको इम्तेहानमे डाले रखते है एक बच्चेकी तराह

रातके अंधेरोसे तन्हा डर जाता है दिल जब तो
उसे सिनेसे लगाके सेहलाते है एक बच्चेकी तराह

कोइ प्यारासा खिलौना देखके जब बहेक जाता है दिल
उसे मज़हबकी बातोमे उलजाते है एक बच्चेकी तराह

नई सुबहके जब येह ख्वाब देखने लगता है तो
उसे तारिकीयोसे डरा देते है एक बच्चेकी तरह

दिल तो बच्चा है जी , उसे समजानेके लिये हम
बाज़ी-ए- अतफाल खेला करते है एक बच्चेकी तराह

‘सपना’की गोदमे पला बडा हुआ है येह दिल
फिर भी उसे कही रखके भूल जाते है एक बच्चेकी तराह

dilko bahaar jaanese rok lete hai ek bachcheki tarah
chot lagegei aisa use samajaate hai ek bachcheki tarah

ishqki paathshalase ghabhara jata hai jab dil mera
dilko imtehanme dale rakhate hai ek bchcheki tarah

ratke andherose tanha dar jata hai dil jab to
use sinese lagake sehalate hai ek bchcheki tarah

koi pyarasa khilauna dekhke jab bahek jata hai dil to
use mazahabki batome ulajate hai ek bachcheki tarah

nai subahake jab yeh khwaab dekhane lagata hai to
use tariqiyose dara dete hai ek bachcheki tarah

dil to bachcha hai ji use samajaaneke liye ham
baazi-e- atfal khela larate hai ek bachcheki tarah

‘sapana’ki godame pala bada huaa hai yeh dil
fir bhI use kahi rakhake bhool jate hai ek bachcheki tarah

Sapana Sapana

26 May 2013

दुआ होती है

Posted by sapana. 2 Comments

Dua

लबोपे मेरे तेरे लिये बस दुआ होती है
तेरी फितरतमे लेकिन कहा वफा होती है

मरनेवाले मर ही जाते है तेरे प्यारमे
जानसे खेलना किसीकी अदा होती है

कभी इन तन्हाइको भी मेहसुस करो
सन्नाटेकी भी खामोश सदा होती है

खुदाकी आदत है माफ करना बंदोको
जानता है वोह हर बंदेसे खता होती है

सांसकी आवन जावनमे भी तेरी कुदरत
और क्या इनायते मुज़ेह अता होती है

सुबह होते ही जाने कहासे आ जाते है
इन्सानसे मीठी पंछीकी सदा होती है

महोबतका गुनाह हो ही गया है हमसे
देदो अगर महोबत करनेकी सजा होती है

मर्ज़े- इलाज़े वहेम कहा है दुनियामे अभी
तूटा है एतबार, ना  फिर उसकी दवा होती है

उसे छुनेकी तमन्नामे बरसो बीत गये
देखते ही  लरज़ जाना मेरा,हया होती है

दुनियाके कामकाज़, और ‘सपना’ रानी?
दोस्तो,कहा उससे यह सब ज़फा होती है

सपना विजापुरा

labope mere tere liye dua hoti hai
teri fitaratme lekin kaha wafa hoti hai

maranewale mar hi jate hai pyarme
janse khelana kisiki ada hoti hai

kabhi in tanhaiko bhi mehsoos karo
sannateki bhi khamosh sada hoti hai

khudaaki aadat hai maf karana bandoko
jaanta hai woh har bandese khata hoti hai

sanski aavan javan me bhi hai teri kudrat
aur kya  inayate mujeh ata hoti hai

subah hote hi jane kahase aa jate hai
insanase mithi panchiki sada hotI hai

mahobatka gunah ho hi gaya hamase
dedo agar mahobat karnekI saza hoti hai

marz-e-ilaje vahem kaha hai duniyame abhi
tuta  hai eetabar, na fir uski dawa hoti hai

use chuneki tamnname baraso beet gaye
dekhate hi laraz jana mera, haya hoti hai

duniyake kamkaj aur ‘Sapana Rani’?
dosto, kaha usse yah sab zafa hoti hai?

Sapana Sapana

13 Apr 2013

मुजेह ले चलो

Posted by sapana. 8 Comments

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मुजेह ले चलो मुजेह ले चलो वहा
वफाके नामपे लोग मरते है जहांं

मुजेह ले चलो मुजेह ले चलो वहांं
महोबतके नामसे जानसे जाते है जहांं

मुजेह ले चलो मुजेह ले चलो वहां
दिलोको ना कुचले जाते है जहां

मुजेह ले चलो मुजेह ले चलो वहां
आंसुओको मोती समज़े जाते है जहां

मुजेह ले चलो मुजेह ले चलो वहां
औरतको लोग देवी माने है जहां


मुजेह ले चलो मुजेह ले चलो वहांं
जिन्दा इन्सानोको जिन्दा जाने है जहां

मुजेह ले चलो मुजेह ले चलो वहा
बेटियोके दामन चाक ना होते है जहां

मुजेह ले चलो मुजेह ले चलो वहां
धर्मके नामपे इन्सान ना काटे जाते हो जहां

मुजेह ले चलो मुजेह ले चलो वहां
बंदे और खुदा मिल जाते है जहां

मुजेह ले चलो मुजेह ले चलो वहां
सपनाके सपने सच्चे होते है जहां

सपना सपना

23 Jan 2013

face book

Posted by sapana. 1 Comment

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yeh diloki sargoshiya janate hai
apanose chupaya hua raz janate hai

samjate the is jahame nahi koi apana
hamari khushiya aur gam bantate hai

khudane achcha zariya banaya hai
sabko ek hi dhagese bandhate hai

shero-shayari nahi yeh dilke chale hai
jo benam chaherome ham bantate hai

nahi jante yeh kaun hai aur kahase hai
benam chaherose dosti bhi nibhate hai

ranjo-gam fariyad hamaari sunate hai
diloke marz par marham lagate hai

zaruri nahi namke sath koi chahera juda ho
anajane nam aur chaherpe jan lutate hai

chaman chamanse nikalke laye hai ham
sare phool dostike jolime muskurate hai

koi hai zahida to koi hai puja to koi mariya
ham to bas mahobatka mazahab nibhate hai

face book hai ya rishtoka mela laga hua
sari duniyako ham rishtedar banate hai

‘sapana’ ab na sochakar iske barame tu
apane hi to apnoke kam aate hai

Sapana Sapana

7 Dec 2012

सराब कोइ

Posted by sapana. 8 Comments

उन आंखोकी लाये ताब कोई
पा सकु ना है वोह सराब कोइ

मदभरी उन आंखोमे है नशासा
जैसे सागरमे हो  शराब कोइ

बुत परस्ती भी चाहे मै कर लु
है खुदाका मगर जवाब कोई

उंगलीयोपे जो गिन रहे है गुनाह
उनका भी तो करे हिसाब कोई

कत्लका जाल बिछ गया हर सुं
खल्कपे देख ले  अज़ाब कोइ

खूली आंखोका सपना है देखो
कभी आये बनके ख्वाब कोई

सपना विजापुरा

5 Jul 2012

व्यापार

Posted by sapana. 10 Comments


किसीको कीसी पर भी एतबार ना होता
किसीके दिलमे अगर थॉडा प्यार ना होता

अ्च्छा है तस्सवुरपे कोई भी पाबंदी नही
वरना शाय्ररके खयालातका इज़हार ना होता

किसकी है तलाश बेसबरीसे हमे शबो रोज
काश हमे भी किसिका इन्तेज़ार ना होता

इस जहामे वफा की तलाश ना कर ए दिल
गर वफा होती तो सरे आम बाज़ार ना होता

दिल तो खूब सस्ती चिज़ है..यह क्या मांगा
नुकसानी कर ली आपने एसे व्यापार ना होता

सपना अब रुसवाईसे ना बच सकेगी देखना
आपने ऐसे देखा ना होता दिल बेकरार ना होता

सपना विजापुरा

७-०४-२०१२

7 Feb 2012

धरती

Posted by sapana. 6 Comments

तूजेह बनाया गया है मेरे लीये
तुं अबसे पहेले खुदाके सपनोमे बसती थी

तुं बनके हकिकत आ गई है इस ब्रहांडमे

तुं चमकती परी जैसी, फूलो जैसी महेकती
तुं बीज़को उगाती तुं पौधोको सेहलाती
तेरे अंदर खज़ाने भरे हीरे मोती
और इन्सानका सबसे मनपसिंदा तेल
तुं सबको बांटती रेहती…
खेत खलियान भरे पडे..
फल फूल तरकारी सबके लिये सबके लिये
किसीसे बैर नही किसीसे उंच नीच नही
जब ईन्सान जीके थक जाता है
अपनी आगोशमे ले लेती है…
अनगीनत मुर्दे है तेरी आगोशमे
तेरी सबरकी इन्तेहा नही..तेरे प्यारकी इन्तेहा नहीं
मांसे भी प्यारी है मेरी धरती मां
लेकीन हमने तेरा क्यां किया?
तेरी छाती पर रेखाये खींची
कही भारत कही इरान बनाया
बमके धमाकोसे तेरी आगोशको ज़ख्मी किया
तेरे बहते धारेको मौड दिया
तेरे जंगल काटके रस्ते बनाये
तेरे पर पडती अमृतधाराको रोक दिया
फिर भी तुं सबरसे देती रहती है
कभी तुं रूठती नहीं
कभी तु सूरजके इर्दगिर्द घुमना छोडती नहीं
कभी चांदको अपने आकर्षणसे नीकालती नही
तुं मेरे लिये कितने दुख जेलती है
तूजेह बनाया गया है मेरे लिये
तुं अबसे पहेले खुदाके सपनोमे थी कही
सपना विजापुरा
१-२३-२०१२

8 Oct 2011

तन्हाइयां

Posted by sapana. 8 Comments


तेरी चाहत मिले मुजेह यह मेरा नसीब नहीं
मेरी चाहत मिले तुजेह यह तेरा नसीब नहीं
खुदाने बनाये अपने अपने नसीब मुख्तलिफ
न तुं मेरा नसीब है न मै तेरा नसीब हुं

जब शामके रंग उतर चुके तब आये
जब रातके अंधेरे उतर आये तब आये
आंखोने इन्तेजार छोड दिया तब आये
जब आरज़ुने दम तोड दिया तब आये


लोग कहते है सुननेकी आदत डाल
दिल हि दिलमे रोनेकी आदत डाल
अल्फाज़ खंज़रकी तरह उतरते है सिनेमे
मुर्दा बनके तुं जिनेकी आदत डाल

जिनकी सुबह आंसुओसे शुरु होती है
जिनकी शाम अंधेरोमे खो जाती है
कहिये ऐसे लोग कहा जाते होगे?
जिनकी जिंदगी बेवज़ह गुज़रती है

ख्वाबोके ताज़महल तूटते लब्ज़ोसे
रिश्तोके शिशमहल तूटते लब्ज़ोसे
‘सपना’ तुं बस खमोश हो जा अब
दिलोके नाज़ुक तार तूटते लब्ज़ोसे

सज़देसे सर नहीं उठाउंगी
मै खाली हाथ नहीं जाउंगी
ऐ खुदा तुं है करीम बडा
करम कर वरना मर जाउंगी

सपना विजापुरा
१०-०७-२०११