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26 Apr 2009

Posted by sapana. No Comments

मस्त मस्त
खुदाने बनाई यह दुनिया मस्त मस्त,
आसमां तेरा, ज़मीन तेरी मस्त मस्त।
तुज़े सोंचा करेंगे, तुजे चाहा करेंगे,
जिना है हमको बनके मस्त मस्त।
जन्न्तसे कैसे मुख्तलिफ होंगी यह,
दुनियाको जन्नत बनायेंगे मस्त मस्त ।
कोई कैसे बुजायेगा शमा-ऐ- रूहको,
उजाला करेंगे जलके भी मस्त मस्त।
दुआका हक दिया तुने मखलुकको,
दुआके लिए हाथ उठाएंगे मस्त मस्त ।
क्यों न तवक्को करुं मै तुज पर,
तुही ज़िन्दगी,तुही दुनिया है मस्त मस्त।
सपना खुश होजा अपने सवाल पर,
आयेगा उनका जवाब मस्त मस्त।
सपना मर्चंट

25 Apr 2009

कमी

Posted by sapana. 5 Comments

कमी
तूजसे मीलकर और भी यकता हुई ,
जिंदगीकी जो कमी थी अब पता हुई।
बसरनेको तो बसर ही जायेगी जिंदगी,
दिन-रातकी गिनती अब यकसा हुई।
कतरा कतरा मीलाके दरीया रवां हुआ,
ऐ रंज अब तो रुक जा, काफ़ी बरखा हुई।
जिसे समजते थे तुम छोटीसी बात ,
मेरे लिए जाने क्यो वोह दो जहां हुई।
ऐ मेरे ख़ुदा तू ख़फा न होना मुजसे ,
तुजसे पहले उनकी याद बारहा हुई।
दिलके दामनपे हज़ारो पैबंद लगे है,
उसे बचानेकी तरकिबे जसता हुई।
मौतकी दुआ करना छोड़ दिया हमने,
जूजू दुआ की उमर और इजाफ़ा हुई।
सपना छोड़ दुनियाके रंजोगमको,
तेरे एक इशारेपे फीर जिंदा हुई।
सपना

24 Apr 2009

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जन्न्तकी सैर करके आई मैं
मेरा मेहताब ,मेरा आफताब छोडके आई हुं मैं ,
अब तारीकी है जीवनमे, रोशनी छोडके आई हुं मैं ।
अब उगलले जीतना ज़हर है तुजमे ऐ ज़माने ,
उनके आबे -हयात शिरी होठोको चुमके आई हुं मैं ।
कुछ भी न रहा याद मुझे महोबतके सीवा,
उनके दिलसे मेरा दिल जोडके आई हुं मैं
अब नही छुएगे मुझे ताने तीर और खंज़र ,
तेरी महोबतका बकतर ओढ्के आई हुं मैं ।
दिलकी बातोपे तवज्जो दी हमने ऐ, खुदा,
अब जहेनको अनसुना करके आई हुं मैं
तुजे पता नही शायद तेरे छुनेसे जी उठी हुं मैं,
एक साथ कई जिन्दिगिया जी आई हुं मैं.
वोह समंदरका किनारा ,वोह तेरे हाथोमे मेरा हाथ,
मानो या ना मानो ज़न्नत की सैर करके आई हु मैं .
कभी तेरी यादमे हँसना,कभी तेरी यादमे रोना,
लगता है खुदको दीवाना करके आई हुं मैं
अब नही ये सुनहरे सपने मेरे तन्हा,
तेरी आँखोमे एक सपना छोडके आई हुं मैं .
सपना

,

23 Apr 2009

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याद

ऐ दिल ज़रा चैन तो पाले,
कितना तडपेगा उनकी यादमे ?
ऐ दिल ज़रा सांस तो लेले,
कितना सिसकेगा उनकी यादमे?

तन्हाईका सफर ख़तम नही होता,
गमका यह मोसम ख़तम नही होता,
प्यारने तो दामन छोड़ दिया कबका,
नफ़रतका यह आलम ख़तम नही होता।

खुदा करे मेरी जुदाईका असर हो तुम पर,
खुदा करे तू भी मिलनेको तरसे ,
खुदा करे तेरा दिल भी बेकरार हो,
खुदा करे तेरी आँखे भी बरसे ।

5 Apr 2009

आँखे

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आँखे

सिनेके पार उतर जाती है वोह आँखे,
जीने नही देती है वोह आँखे।
कितने फासले है तेरे मेरे बिच,
फिरभी देखती रेहती है वोह आँखे।
चुपके चुपके बाते करती है,
जाने क्यों मुस्कुराती है वोह आँखे,
कर लुंगी इन ह्थेलियोसे बंध,
क्यों परेशां करती है वोह आँखे,
तेरी जुदाइमे रोती रेहती है यह आँखे,
क्या मेरी जुदाईमें भीगती है तेरी आँखे?
अब मिलूंगी तो कुछ न बोलूंगी में,
देखती हु क्या क्या बाते करती है वोह आँखे।
महोबत छलकाती है, प्यार जताती है,
कितने राज़ खोलती है वोह आँखे ।
ख़ुद तो कोई ख्वाब नही देखती,
“सपनाको ” सपने दिखाती है वोह आँखे।
सपना

29 Mar 2009

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तुम्हारे बिना

एक जिंदगी थी ,या एक रात थी ,
गुजार दी तुम्हारे बिना।
जैसे अमावसकी रात ,
गुज़र जाती है चाँदके बिना।
बेबस शम्मा बुज जाती है,
जैसे परवानेके बिना।
कोई खास बात है आज ,
आ जाओ इनकारके बिना।
मुझे पता है तुम नही आओगे ,
जीना है मुझे तुम्हारे बिना।
महोबतका दिन, या गमकी श्याम ,
गुजारना है तुम्हारे बिना।
तुम उदास न हो दिलबर ,
सिख लिया है जीना तुम्हारे बिना।
“सपना ” उदास रहेती है,फिरभी
मुस्कुराती है तुम्हारे बिना।

सपना

26 Mar 2009

तेरी याद

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चंद अशार
मुठ्ठी बंध कर लेनेसे हाथ नही आता,
तू हे इन हवाओकी तरह ,
रेत की तरह सरक जाता हे हाथसे,
तू हे मेरे नसीबोकी तरह।

दिलको बेहला जाती हे तेरी याद,
दिलको सहला जाती हे तेरी याद ,
तुजसे तो अच्छी हे तेरी याद
दिलको तनहा नही छोड़ती तेरी याद।

खारे पानीकी कमी नही,
आंखोसे बेतहाशा बरसते हे ,
कमी तो हे एक अमृतके बुंदकी ,
जो तेरी आंखोसे टपकता हे।

दिल अरमानोसे खाली सही,
तेरी महोबतसे खाली नही,
जिंदगी खुशिओसे खाली सही,
तेरी यादोसे खाली नही।

दिलकी वीरान बस्तीमे ,
एक खामोशी हे, सन्नाटा हे,
अपने सायेसे भी डरती हुं में,
दिल इतना तनहा हे।

21 Mar 2009

मेरे दोस्त

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friendship-day

मेरे दोस्त
अंधेरोसे उजालोकी तरफ़ लेके आए है,
विरानोसे बहारकी तरफ़ लेके आए है,

खुशियोमे साथ साथ चले है मेरे दोस्त,
उदासीमे भी दूर तक साथ आये है

कह्तेहे की खुदाकी नेअमत होते हे
अच्छे दोस्त खुदाकी तरफसे आये है

सूखे पतोके बीच वीरान सडकोपे ,
बहार बनके साथ साथ चले आये है

मेरे उदास चहेरेपे मुस्कराहट बनके,
मेरे अंधेरोमे चिराग बनके आये है

सपनाको महोबत करना सीखाया,
सपनाके सपनोको सच करने आये है

अपनोसे भी ज़्यादा करीब रहे मेरे,
ऐसे है मेरे दोस्त जाने कहासे आये है

सपना सपना