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15 May 2009

Posted by sapana. 1 Comment

काश मैं तेरे जेसी होती

न मिलनेके ख्वाब देखती,
न मिलनेकी खुशी होती,
न बिछड़ने पर आँख रोती,
न जुदाइकी शिकायत होती,
न वादे होते, न कसमे होती
न दिलमें बेकरारीसी होती,
काश मैं तेरी जेसी होती।
सपना

11 May 2009

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नाम
ऐसे लरज़ जाता हैं दिल तेरे नामसे,
जैसे पत्ता थीरक जाता हैं हवाके जोंकोसे,
लोग कहते हैं की इश्क पुराना नहीं होता,
अब भी दिल धडक जाता हैं तेरे नामसे।
सपना

9 May 2009

याद

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याद

दिलको निचोडके,
तेरी याद दिलसे फेंकी।
दिलकी ज़मीन
आंसुओसे भीग गई ,
फिरसे गीली गीली
दिलकी ज़मीन।
फिरसे निचोडा दिलको,
न निकली तेरी याद,
मैं और दिल
ख़ामोश बनके
दिलकी ज़मीन पे,
तेरे कदमोके निशां तकते है।
सपना

7 May 2009

बात हो जाती है

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बात हो जाती है

कई अफ़साने बन जाते है,
तेरे गुलाबसे होंठ खुलते है,
अधूरी सी बात हो जाती है,
जब तेरे नैन मिलते है,
देखती रह जाती है शबनम,
तेरी आँखोसे मोती टपकते है।
सपना

6 May 2009

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लम्हे
तुम्हारे साथ गुजारे हुए वोह लम्हे,
जैसे गुलोमे खुश्बूका घोलना .
तुम्हारे अल्फाजे-शीरीं कानोमे,
जैसे जीवनमे शहदका घोलना.
सपना

6 May 2009

मौत

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मौत
सब रिश्ते ख़तम करके गई,
मौत आई सबसे जुदा करके गई,
पता था अकेले ही जाना है हमें ,
फ़िर भी जाने क्यों तनहा करके गई।
सपना

4 May 2009

मेरे दोस्त (ब्लोगके)

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मेरे दोस्त (ब्लोगके)
दिलोकी हर सरगोशिया जानते है यह ,
अपनोसे छुपाया हुआ राज जानते है यह।

समजते थे कोई नही समजता हमें,
हमारी रंजो और गम बांटते है यह।
खुदाने अछा ज़रिया निकाला मिलानेका,
सबको एक ही मालामे बांधते है यह।
नहीं जानती कोन है,कहासे है यह,
बेनाम चहेरोसे दोस्ती निभाते है यह।
फरियाद सुनते है हर फ़रयादिकी,
दिलोके रोग पर मरहम लगाते है यह।
जरुरी नहीं चहेरा जुडा हो नामके साथ,
अनजाने चहरेपे जान छिड़कते है यह।
कोई तलत कोई पूजा तो कोई है काश,
मिलके महोबतका मज़हब निभाते है यह।
सपना न सोचा कर क्या लगते है यह,
अपने है ,अपनोके काम आते है यह।
सपना

1 May 2009

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जुदा नहीं
मेरी ख्यालोमे खुशबूकी तरह महेकता है,
दिलके विरानेमे गुलाबकी तरह खिलता है ,
मेरी तन्हाइमे बुल्बुलकी तरह चहेकता है,
कोन केहता है की तू और मै जुदा है?
तू मेरे वजुदमे लहू की तरह दोड़ता है।
सपना

29 Apr 2009

तोहफा

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तोहफा
दिलके सिवा कुछ नही मेरे पास ,
टूटे ख्वाबोके के सिवा कुछ नही मेरे पास।
दिल जो चाहता है तुज़े टुटके,
दिल जो मांगता है तुज़े कबसे,
दिल जो बीमार है तेरा कबसे,
दिल जो रोता है तेरी यादमे कबसे,
क्या तुज़े ऐसा दिल चाहिए ?
दिल जो कभी मेरा था वो नही,
तेरी चीज तुज़े लौटा रही हुं।
आजके दिनसे दिल मेरा तेरा हुआ।
सपना

28 Apr 2009

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ताज महल है
बावरा मन मेरा पागल है,
भटकता आवारा बादल है।
प्रेमका जवाब न मिला लब्जोमे,
कया इतना पेचीदा सवाल है?
फिरसे अफसाना लिखेंगे अपना,
जो बीत गया वोह कल है।
तेरी सांसो की खुश्बुसे महेकता,
मेरी जिन्दगीका हर पल है।
इंट पथरका सही अपना घरोंदा,
अपना तो यह ताज महल है।
संभलके कदम रखना इस पर,
सपनाका दिल कबसे घायल है।

सपना मर्चंट