16 May 2009

आदत

Posted by sapana

आदत
धीरे धीरेसे दिलमे आजानेकी आदत,
अपना घर समजके रह जानेकी आदत।
आके फ़िर कभी न जानेकी आदत ,
तेरी आदतोकी पड़ गई है मुझे आदत।
सपना

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One Response to “आदत”

  1. wahh wahh…

    वो रूठ भी जाये तो हम कोई फरक नहीं ,
    वो जिन्दगी से चले भी जाये हमें कोई फरक नहीं…
    हमें तो पड़ गई है अब
    उनको प्यार करने की आदत ..

    नीता कोटेचा

     

    neetakotecha

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