Sapana
आ चल, तुझे लेके चलु सपनोके नगरमे
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16 May 2009
Posted by sapana
आदतधीरे धीरेसे दिलमे आजानेकी आदत,अपना घर समजके रह जानेकी आदत।आके फ़िर कभी न जानेकी आदत ,तेरी आदतोकी पड़ गई है मुझे आदत।सपना
wahh wahh…
वो रूठ भी जाये तो हम कोई फरक नहीं , वो जिन्दगी से चले भी जाये हमें कोई फरक नहीं… हमें तो पड़ गई है अब उनको प्यार करने की आदत ..
नीता कोटेचा
neetakotecha
June 8th, 2009 at 2:30 ampermalink
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वो रूठ भी जाये तो हम कोई फरक नहीं ,
वो जिन्दगी से चले भी जाये हमें कोई फरक नहीं…
हमें तो पड़ गई है अब
उनको प्यार करने की आदत ..
नीता कोटेचा
neetakotecha
June 8th, 2009 at 2:30 ampermalink